साल 2006 में स्वीडन के रहने वाले हॉकन नोर्डक्विस्ट ने एक वीडियो और अपनी कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड की थीं। उसका दावा था कि वह भविष्य की यात्रा करके लौटा है। उसने बताया कि वहां उसकी एक बूढ़े व्यक्ति से मुलाकात हुई और वह शख्स कोई और नहीं बल्कि वह खुद था। हॉकन का कहना था कि वह 70 वर्षीय हॉकन से ही मिलकर लौटा है।
सबूत भी लाया
हॉकन नोर्डक्विस्ट ने बताया कि जब उसने अपने भविष्य से मुलाकात की तो उसे यकीन नहीं हुआ। हालांकि, उसके हाथ पर भी वैसा ही टैटू था जैसा उसने बनवा रखा था। उसने उससे कुछ सवाल पूछे जिसका संतोषजनक जवाब मिलने के बाद ही उसे यकीन हुआ। उसने कहा कि सबूत के तौर पर उसने मोबाइल में अपने भविष्य के साथ तस्वीर भी ली और वीडियो भी बनाया।
क्या भविष्य की यात्रा मुमकिन है?
तो क्या इस शख्स ने झूठ कहा?
वॉर्महोल के कॉन्सेप्ट की मानें तो हॉकन नोर्डक्विस्ट की बातें सच हो सकती हैं। मगर इसकी असलियत कुछ और ही है। गौरतलब है कि mentalfloss.com की रिपोर्ट के अनुसार हॉकन नोर्डक्विस्ट ने जो भी दावे किए वह महज फ्रांस की एक जीवन बीमा कंपनी AMF की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी थी। कैंपेन का मकसद लोगों को यकीन दिलाना था कि अगर आप भी कंपनी की सेवा लेंगे और उनके बताए तरीके से जिंदगी जिएंगे तो आपका भविष्य भी सुनहरा होगा।
बहरहाल, हॉकन नोर्डक्विस्ट के दावे भले ही गलत हो। मगर यह मार्केटिंग कैंपेन वॉर्महोल के कॉन्सेप्ट को आधार बनाकर तैयार किया गया था। कंपनी वाले अपने मकसद में काफी हद तक सफल भी रहे। मगर जरूरत है ऐसे दावों से बचकर रहने की। बिना पड़ताल किए किसी के भी बहकावे में आने से बचें।
बहरहाल, हॉकन नोर्डक्विस्ट के दावे भले ही गलत हो। मगर यह मार्केटिंग कैंपेन वॉर्महोल के कॉन्सेप्ट को आधार बनाकर तैयार किया गया था। कंपनी वाले अपने मकसद में काफी हद तक सफल भी रहे। मगर जरूरत है ऐसे दावों से बचकर रहने की। बिना पड़ताल किए किसी के भी बहकावे में आने से बचें।
Taken From:- https://www.amarujala.com
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