Sixth Floor - True Horror Stories in Hindi

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मेरा नाम अमितेश है और मैं वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ. ये कहानी करीब 5-6 साल पहले की है. उन दिनों मैंने कॉलेज के first year में पढ़ा करता था. मेरा एक बेस्ट फ्रेंड भी था जिसका नाम देबाशीष है, वो भी हमारे घर के पास ही रहा करता था. हम दोनों बचपन के दोस्त थे और स्कूल में भी एक साथ ही पढ़ा करते थे. स्कूल के बाद कॉलेज में भी हमर एक ही साथ एक ही कॉलेज में एडमिशन हुआ था.
जहाँ हमारा घर था, पहले उसके ठीक सामने एक बड़ा खाली मैदान हुआ करता था. वैसे तो वो मैदान पूरा खाली ही था लेकिन उस मैदान में सिर्फ एक बिल्डिंग थी, वो भी पूरी नहीं बनी थी. बताया जाता है की जब वो बिल्डिंग बन रही थी तो उस बिल्डिंग के मालिक के बेटी ने उस बिल्डिंग से कूद कर ख़ुदकुशी कर ली थी. उसके बाद से ही उस जगह पर अजीब अजीब सी हरकतें होने लगी थी. तो उस बिल्डिंग के मालिक ने वो बिल्डिंग अधूरी ही छोड़ दी और किसी और को बेच दी.
नए मालिक ने वो बिल्डिंग पूरी बनवायी, लेकिन बिल्डिंग बनाने के दौरान भी लोग बताते हैं की वहां अजीब अजीब से घटनाएं होती थी. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi.
जैसे की कई बार लोगो को पुराने मालिक के बेटी दिख जाती थी कभी कभी.
या फिर किसी को पीछे से कोई धक्का मार जाता अचानक. एक बार एक मजदूर रात में अकेला साफ़ सफाई कर रहा था ऊपर वाले फ्लोर पर तो उसको वही लड़की दिखाई थी. उस लड़की की एक आँख नहीं थी, और उसके सर से खून निकल रहा था. ये देख के वो बहुत डर गया और वहां से भाग निकला. अगले दिन उसने सबको ये बात बताई. और बहुत तेज बुखार भी हो गया था. आपबीती बताने के कुछ घंटो बाद हे वो मजदूर मर गया.
मैं और मेरा दोस्त अक्सर उस बिल्डिंग की नीचे जाते थे बातें करने के लिए. हम दोनों वहां बैठ के हंसी मजाक करते. एक दिन मैने अपने दोस्त से बोला की चलो छठी मजिल पे चलते हैं जहाँ से वो लड़की कूदि थी. मेरे दोस्त ने मुझसे साफ़ मना कर दिया. मैने भी उसका थोड़ा मजाक उड़ाया ये बोल के की तू तो डरपोक है. फिर थोड़ी देर बाद हम अपने अपने घर चले गए.
अगले दिन मेरे दोस्त देबाशीष ने मुझे फ़ोन किया और उसी बिल्डिंग के नीचे आने को कहा. उसने मुझे वहां बुलाया और कहाँ की कहीं घूमने चलेंगे.
मैं उस बिल्डिंग के नीचे पहुंच गया. वहां देबाशीष नहीं था. मैं वहां पर मौजूद एक दुक्का लोगो से पूछा की देबाशीष कहाँ है तो उन्होंने बताय की वो तीसरी मजिल पे गया है.
मुझे थोड़ा अजीब लगा क्युकी एक दिन पहले ही उसने मुझे मना किया वहां जाने को.
लेकिन मैने सोचा चलो देखते है शायद वो ये दिखने की कोशिश कर रहा होगा की वो डरता नहीं है.
खैर. मैं तीसरी मजिल पर पंहुचा. तो देखा की देबाशीष वहां एक कमरे के अंदर सिर झुकाये बैठा है.
उसकी आँखें अजीब सी लग रही थी. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi.
उसने मुझसे वहां बैठने को बोला. मैं बैठ गया.
उसने मुझे कहा की चलो छठी मंजिल पर चलते हैं. मैने उससे पूछा की कल तो तुम मना कर रहे थे वहां जाने को तो आज क्यों जा रहे हो. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi.
उसने बताया की आज उसका मन कर रहा है वहां जाने को और वो देखना चाहता है की वहां से कैसा लगता है.
मैं भी तैयार हो गया. और हम दोनों ऊपर जाने लगे सीढ़िओ से.
आगे आगे वो था और पीछे पीछे मैं.
हम चौथी मजिल पर ही पहुंचे थे की जेब में रखा मेरा फ़ोन बजने लगा.
मैने जेब से फ़ोन निकाला तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. मेरे फ़ोन पर देबाशीष की काल आ रही थी. जबकि देबाशीष तो मेरे आगे आगे चल रहा था. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi.
मैने आगे चल रहे देबाशीष से पूछा की उसका फ़ोन कहाँ है. उसने बताया उसकी जेब में.
ये सुनकर मैं बहुत डर गया. मैंने उसको बोला की मेरी मम्मी की कॉल आ रही है और मुझे नीचे जाना पड़ेगा बात करने की लिए क्युकी यहाँ सिगनल नहीं आ रहे हैं.
देबाशीष मेरको ऊपर चलने की लिए फाॅर्स करने लगा, लेकिन मैं जल्दी से भाग के नीचे आ गया. नीचे आते ही मैं सीधा बिल्डिंग से बहार निकल गया. नीचे पहुंचते ही मैने देबाशीष की काल उठायी, उसने मुझे पूछा की मैं कहाँ हूँ, मैने कहाँ बिल्डिंग की सामने. Horror Stories in Hindi. Horror Stories in Hindi.
मैने उससे पूछा की वो कहाँ है, उसने कहा की वो भी बस पहुंच ही रहा है वहां घर से.
उसके पहुंचते ही मैंने उससे पूछा की क्या तुम मेरे साथ ऊपर नहीं गए थे ?
उसने बताया की वो तो अभी ही पहुंचा हैं वहां. तो मैने उसको पूरी बात बताई.
हम दोनों बहुत डर गए थे. हमने जल्दी से कुछ लोगो को इकट्ठा किया वहां और ऊपर गए उस शख्स को ढूंढ़ने
की लिए जो मुझे ऊपर ले जा रहा था. लेकिन ऊपर हमें कोई नहीं मिला.
इस घटना की बारे में सोच कर मैं आज भी बहुत डर जाता हूँ. अगर उस दिन मेरे दोस्त का फ़ोन नहीं आया होता मेरे पास तो शायद आज मैं भी जिन्दा नहीं होता.

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